प्रकृति बचाओ आंदोलन के तहत सांचौर बंद का आह्वान

पर्यावरण संघर्ष समिति, समस्त बिश्नोई समाज, और अन्य सर्वसमाज के प्रकृति प्रेमियों ने 29 जनवरी 2025 को "प्रकृति बचाओ आंदोलन" के तहत सांचौर बंद का आह्वान किया है। इस दिन सांचौर मुख्यालय पर विशाल रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "राजस्थान ट्री प्रोटेक्शन एक्ट" नामक कठोर कानून बनवाना है, जिससे राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके।

बिश्नोई समाज का इतिहास गवाह है कि इस समाज का बच्चा-बच्चा पेड़ बचाने, वन्यजीव बचाने और मूक प्राणी सेवा करने के लिए प्राण न्यौछावर करने को सदैव तत्पर रहता है। इस समाज के नर-नारियों ने वृक्षों, वन्यजीवों और प्रकृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया है। गुरु जंभेश्वर जी की शिक्षाओं पर चलते हुए समाज ने समय-समय पर बलिदान देकर पर्यावरण और संस्कृति को संरक्षित किया है।

पिछले कई वर्षों से राजस्थान में सोलर प्लांट और विकास के नाम पर लाखों खेजड़ी के वृक्ष काटे जा चुके हैं। सोलर कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स के लिए हजारों बीघा भूमि को बंजर बनाकर वनस्पति और जीव-जंतुओं को नष्ट कर रही हैं। इसका दुष्परिणाम यह है कि स्थानीय पर्यावरण विनाश की कगार पर पहुंच गया है, और मानव जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है। पूरा राजस्थान गरमाने लगा है।

विश्नोई समाज अपने प्राण न्यौछावर करके भी प्रकृति को बचाता आया है। इसी भावना के चलते गत 18 जुलाई 2024 को बीकानेर जिले के कोलायत तहसील के नोखादैया, जयमलसर के पास खेजड़ला की रोही में खेजड़ी की कटाई के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत हुई थी, जो अभी तक जारी है। प्रकृति बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे उक्त धरने के समर्थन में छतरगढ़ में और बीकानेर जिला मुख्यालय पर भी लंबे समय तक धरने लगाए गए थे। समाज का एक प्रतिनिधिमंडल संतों के नेतृत्व में जयपुर जाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिला था। उसके बाद उपचुनाव की एक सभा के दौरान नागौर जिले के कुचेरा में फिर एक प्रतिनिधिमंडल संतों और महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला था, तो उन्होंने 15 दिनों में ही समाज की मांग का निस्तारण करने का आश्वासन दिया था। मगर आज तक पेड़ कटाई पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं लगा है। नोखादैया में चल रहे धरने को आज 195 दिन हो गए हैं।

राजस्थान के जोधपुर, फलोदी, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, जयपुर और चुरू जिलों में खेजड़ी वृक्षों की बड़ी मात्रा में पेड़ काटने की अलग-अलग अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनमें लाखों पेड़ कट चुके हैं। उक्त सभी जिलों में अनेक सोलर प्लांट लग रहे हैं। देश-विदेश की अनेक कंपनियां आ रही हैं, सरकार कंपनियों का सहयोग कर रही है।

26 दिसंबर 2024 को बीकानेर बंद और 19 जनवरी 2025 को जोधपुर बंद आयोजित किया गया था। इसी क्रम में 29 जनवरी को सांचौर बंद का आह्वान किया गया है। मुख्य मांग है कि अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी "ट्री प्रोटेक्शन एक्ट" बनाया जाए। इस कानून के तहत खेजड़ी के वृक्षों की कटाई पर कठोर प्रतिबंध और उल्लंघन पर भारी जुर्माना सुनिश्चित किया जाए।

जालोर जिला प्रधान सुरजनराम विश्नोई ने सांचौर की 36 कौम की माताओं, बहनों और सभी नागरिकों से विनम्र अपील की है कि वे इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा, "मां अमृता देवी और 363 विश्नोई वीरों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए, हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आना होगा। खेजड़ी बचाना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि यह न केवल वृक्ष है, बल्कि जीवन और पर्यावरण की रक्षा का प्रतीक भी है।"

रैली: 29 जनवरी 2025 को सुबह 11 बजे अमृतादेवी सर्कल, बी ढाणी चौराहे से पर्यावरण रैली निकाली जाएगी, जो उपखंड कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी। इस आंदोलन में सभी पर्यावरण प्रेमियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की गई है।{alertWarning}

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