खेजड़ी कटाई के विरोध में जोधपुर बंद: वन अधिनियम में संशोधन की मांग

खेजड़ी कटाई के विरोध में जोधपुर बंद:

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा और विभिन्न पर्यावरण संगठनों के संयुक्त प्रयास से, साधु-संतों के आशीर्वाद और पर्यावरण प्रेमी सतीश कॉम के सहयोग से, जोधपुर बंद पूर्ण रूप से सफल रहा।

जोधपुर के व्यापार मंडल सहित सभी वर्गों ने खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया के आह्वान का भरपूर समर्थन किया। जीव रक्षा समिति, जंभेश्वर सेवक दल, विभिन्न पर्यावरण संस्थान और विश्नोई समाज के सदस्य इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

देवेंद्र बुड़िया ने बताया कि -

आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठानों ने बंद का पालन किया। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि खेजड़ी के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तुरंत रोकी जाए। उन्होंने कहा, "हम श्री गुरु जंभेश्वर के अनुयायी हैं और वृक्ष देवी मां अमृता देवी के बलिदान को कभी नहीं भूल सकते। पेड़ों के लिए हुए इस बलिदान को हम हमेशा याद रखेंगे।

वन अधिनियम में संशोधन की मांग:

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का मानना है कि सरकार को पुराने वन अधिनियम में संशोधन करना चाहिए और पेड़ों को काटने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बंद का व्यापक प्रभाव देखा गया।

जोधपुर में खेजड़ी कटाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग।
जोधपुर में खेजड़ी कटाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग।


पर्यावरण प्रेमियों का कहना है:

एक ओर सरकार पौधरोपण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर सोलर प्लांट के नाम पर पेड़ों की बेरहमी से कटाई की जा रही है। यह विरोधाभासी स्थिति है। सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और पेड़ों की कटाई रोकनी चाहिए।

व्यापारियों ने बंद का पुरजोर समर्थन किया।
व्यापारियों ने बंद का पुरजोर समर्थन किया।


खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए जोधपुर में आयोजित बंद पूर्ण रूप से सफल रहा। लोगों ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन में भाग लिया और सरकार से वन अधिनियम में संशोधन करने की मांग की।

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