अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा सांचौर: युवा और महिला मोर्चा संवाद कार्यक्रम का सफल आयोजन
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में सांचौर जिले में एक भव्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन बिश्नोई बालिका छात्रावास, बी. ढाणी रोड, सांचौर में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में समाज की प्रगति और सुधार से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
यह कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव, युवाओं और महिलाओं की भूमिका, और समाज सुधार के उद्देश्यों को लेकर चिंतन और मंथन का मंच बना।
इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के युवाओं और महिलाओं को समाज की प्रगति और सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना था। इसमें विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई:
1. महिला शिक्षा का महत्व और भूमिका
2. युवाओं में रचनात्मकता और कौशल विकास को बढ़ावा देना
3. समाज सुधार के विभिन्न क्षेत्रों जैसे नशामुक्ति, बाल-विवाह, मृत्यु भोज और अनावश्यक रीति-रिवाजों पर रोक लगाना
4. युवाओं और महिलाओं को रोजगार के नए अवसरों से जोड़ना
5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास और शब्दवाणी के प्रचार-प्रसार का महत्व
6. सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग
7. सीयूईटी के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश को बढ़ावा देना
इस संवाद कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में युवाओं, महिलाओं और समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों का पंजीकरण किया गया और सभी को आलेख पुस्तिका वितरित की गई, जिसमें समाज सुधार और शिक्षा पर विभिन्न विद्वानों के लेख प्रकाशित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत बिश्नोई समाज के संस्कारों और परंपराओं के अनुसार की गई। युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष डॉ. दिनेश जांभाणी ने संवाद कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए युवाओं की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा सायरा बिश्नोई ने अपने संबोधन में बालिका शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास की आवश्यकता पर बल दिया।
महत्वपूर्ण चर्चाओं के विषय:
- नशामुक्ति और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के उपाय
- बाल-विवाह और मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में समाज के हर वर्ग की भूमिका
- युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ने के लिए कौशल विकास पर बल
- सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग की रणनीतियां
- समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और "शब्दवाणी" का महत्व
कार्यक्रम को सफल बनाने में कई भामाशाहों और समाजसेवियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. मानाराम बिश्नोई (मनमोहन हॉस्पिटल, सांचौर), पूनम चंद मांजू, शैताना राम ढाका, सुरेंद्र बिश्नोई (ग्लोबल कॉलेज), गजेंद्र बिश्नोई जैसे व्यक्तियों ने आर्थिक और नैतिक सहयोग प्रदान किया।
महासभा ने अपने पिछले संवाद कार्यक्रमों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इनमें रतनाराम खिचड़, सीए मांगीलाल सारण, किशनलाल गोदारा जैसे समाजसेवियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने नशामुक्ति और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रयास किए।
इस अवसर पर कई विद्वानों और शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए:
रमेश मांजू, प्राचार्य रामेश्वरी और डॉ. ओमप्रकाश भूतेल: समाज में शिक्षा और युवाओं की भूमिका पर बल दिया।
डॉ. इंदु बिश्नोई : युवाओं के पथ प्रदर्शन, महिला सशक्तिकरण और उनकी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
राणाराम बिश्नोई और प्रोफेसर नरेश सारण: युवाओं के लिए कैरियर के नए रास्ते खोलने और ग्लोबलाइजेशन के प्रभाव पर चर्चा की।
आईटी इंजीनियर रामनिवास मांजू: तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर समाज बनाने की दिशा में मार्गदर्शन दिया।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा सांचौर: युवा और महिला मोर्चा संवाद कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी |
महिलाओं की भागीदारी विशेष उल्लेखनीय रही। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा सायरा बिश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि समाज की प्रगति में महिलाओं की शिक्षा और सक्रिय भूमिका अनिवार्य है। कार्यक्रम में महिलाओं को अपने विचार साझा करने के लिए विशेष मंच प्रदान किया गया।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा सांचौर: युवा और महिला मोर्चा संवाद कार्यक्रम |
युवाओं ने संवाद कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए। इस पहल ने युवाओं को समाज सुधार की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
इस संवाद कार्यक्रम में निम्नलिखित सुझाव सामने आए:
1. समाज में नशामुक्ति को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
2. मृत्यु भोज और बाल-विवाह जैसी कुरीतियों पर कड़े सामाजिक नियम बनाए जाएं।
3. रोजगार और शिक्षा के नए अवसरों की जानकारी युवाओं तक पहुंचाई जाए।
4. सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और इसके सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
5. "शब्दवाणी" के प्रचार-प्रसार के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाए।
कार्यक्रम के समापन पर जिला प्रधान पूनमाराम बिश्नोई और जिला सचिव मनमोहन बिश्नोई ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का यह संवाद कार्यक्रम समाज सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ। ऐसे आयोजनों से न केवल युवाओं और महिलाओं को अपनी आवाज उठाने का अवसर मिलता है, बल्कि समाज के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान भी खोजा जा सकता है।
यह संवाद कार्यक्रम बिश्नोई समाज के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। समाज के सभी वर्गों की सहभागिता ने इसे एक सशक्त मंच बनाया और यह उम्मीद जगाई कि इस तरह की पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव अवश्य आएंगे।