रामसिंह बिश्नोई साहब की 90वीं जयंती एवं अखिल भारतीय खोखर सम्मेलन

पूर्व किसान नेता, राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व अध्यक्ष चौधरी रामसिंह बिश्नोई 'साहब' (Ram Singh Bishnoi) की 90वीं जयंती पर, अखिल भारतीय खोखर सम्मेलन 20 अक्टूबर 2024 को जोधपुर जिले के तिलवासनी गांव में आयोजित होगा। श्री शंकर खोखर के अनुसार, इस महासम्मेलन का पहला आयोजन 2021 में उत्तर प्रदेश के छापरौली में हुआ था। दूसरा सम्मेलन हरियाणा में हुआ और अब तीसरा राजस्थान की वीर भूमि पर हो रहा है।

रामसिंह बिश्नोई 'साहब'
रामसिंह बिश्नोई 'साहब' 

रामसिंह बिश्नोई का जीवन परिचय:

श्री रामसिंह बिश्नोई का जन्म 20 अक्टूबर 1935 को तिलवासनी गांव में श्री मघाराम खोखर के घर हुआ। उनकी पत्नी का नाम अमरीदेवी था। उनके तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा जोधपुर विश्वविद्यालय से B.Sc और LLB की डिग्री प्राप्त करके पूरी की। उनका नाम बिश्नोई समाज के प्रमुख नेताओं में शुमार है और उन्हें 'साहब' के नाम से पहचाना जाता था।

राजनीतिक जीवन:

श्री रामसिंह बिश्नोई ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन् 1958 में सरपंच पद के साथ की। 23 वर्ष की उम्र में वे तिलवासनी गांव के सरपंच बने एवं लगातार 1965 तक जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद सन् 1965 से 1972 तक बिलाड़ा पंचायत समिति के दो बार प्रधान रहे।

श्री रामसिंह बिश्नोई ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत लूणी विधानसभा क्षेत्र से की, जहां वे पहली बार विधायक बने। वे जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री पद पर भी रहे। 

श्री रामसिंह बिश्नोई ने लूणी विधानसभा क्षेत्र से सात बार (सन् 1972, 1977, 1980, 1985, 1990, 1998 एवं 2003 तक) विधायक के रूप में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया। वे अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष भी रहे। एक प्रमुख किसान नेता के रूप में उन्होंने मारवाड़ क्षेत्र में अपना नाम स्थापित किया।

1985 से 1988 तक वे राजस्थान सरकार में पशुपालन एवं डेयरी के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे, इसके बाद जून 1989 से मार्च 1990 तक परिवहन मंत्री, फरवरी 1998 से अप्रेल 2002 तक पीएचईडी मंत्री और  2003 में कृषि मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वे एआईसीसी (AICC) के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष, और विधानसभा की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य भी रहे।

वे प्राथमिक भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष, बिलाड़ा केंद्रीय भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष और सेंट्रल भूमि विकास बैंक के निदेशक रहे। साथ ही, वे राजस्थान वन्यजीव सलाहकार मंडल के सदस्य और राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के लगभग 20 वर्ष तक चेयरमैन रहे।

श्री रामसिंह बिश्नोई साधारण और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में समाज की उन्नति के लिए अमूल्य योगदान दिया। इस कारण वे 'किसान केसरी' और 'लोहे के पुरुष'  के रूप में प्रसिद्ध हुए।

रामसिंह बिश्नोई 'साहब' की 90वीं जयंती
रामसिंह बिश्नोई 'साहब' की 90वीं जयंती समारोह तिलवासनी गावं में आयोजित होगा।


समाज सेवा और प्रमुख कार्य:

उन्होंने बिश्नोई समाज के लिए सेवक दल के नए परिसर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें चार दिवारी, रसोईघर और भंडारगृह शामिल हैं। बिश्नोई धर्मशाला की स्थापना में भी उनका योगदान सराहनीय रहा। खेजड़ली में विशाल मंच का निर्माण और जाम्भोलाव मेले में उनकी सक्रिय भागीदारी उनके योगदान के प्रमाण हैं।चौधरी रामसिंह बिश्नोई खेजड़ली शहीदी पर्यावरण संस्थान के सन् 1989 से 2004 तक अध्यक्ष रहे।

निधन:

रामसिंह बिश्नोई का निधन 22 अक्टूबर 2004 को हुआ। उनके जीवन के योगदान और सेवाएं हमेशा समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। उनके कार्यों की छाप युगों तक अमिट रहेगी।

उनके पश्चात उनके बड़े बेटे बाबू मलखान बिश्नोई लूणी से  विधायक चूने गये एवं उनके पौत्र विक्रम सिंह बिश्नोई वर्तमान में उप जिला प्रमुख हैं और महेंद्र बिश्नोई लूणी से विधायक रहे हैं।

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