गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद (Guru Jambheshwar University, Moradabad):
मुरादाबाद, जो कि पीतल के शहर के रूप में प्रसिद्ध है, अब एक नई और गौरवशाली पहचान की ओर अग्रसर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि यहां पर तैयार हो रहे विश्वविद्यालय का नामकरण विश्नोई समाज के संस्थापक, श्री गुरु जंभेश्वर के नाम पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद (Guru Jambheshwar Vishwavidyalaya, Moradabad) किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि, काफी समय से बिश्नोई समाज (Bishnoi Samaj) के लोग मुरादाबाद में गुरू जंभेश्वर के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग कर रहे थे। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह एवं उपाध्यक्ष सलिल बिश्नोई ने सुझाव दिया था की विश्वविद्यालय का नाम गुरु जंभेश्वर के नाम पर होना चाहिए, आज हम विश्वविद्यालय का नामकरण गुरु जंभेश्वर जी के नाम पर करने की घोषणा कर रहे हैं।
इस घोषणा से विश्नोई समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है, और यह न केवल उनके लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है। मुरादाबाद जिले में विश्नोई समाज के अनुमानित 65,000 से 70,000 मतदाता हैं, जिनमें से 25,000 कांठ विधानसभा क्षेत्र और लगभग 30,000 ठाकुरपुरा विधानसभा में हैं। लोदीपुर गांव बिश्नोई बाहुल्य गांव है।
लोदीपुर में स्थित गुरु जंभेश्वर का मंदिर, जो कि 413 वर्ष पुराना है, इस विश्वविद्यालय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह मंदिर विश्नोई समाज के लिए एक पवित्र स्थल है और इसका गहरा ऐतिहासिक महत्व है। गुरु जंभेश्वर ने अपने भ्रमण काल के दौरान लोदीपुर में खेजड़ी का वृक्ष लगाया था, इसी वृक्ष के पास यह प्राचीन मंदिर स्थित है, जो विश्नोई समाज के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां हर वर्ष चैत्र मास की अमावस्या को एक भव्य मेले का आयोजन होता है।
इस प्रकार, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय का नामकरण न केवल एक शैक्षिक संस्थान के रूप में बल्कि भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति सम्मान के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यह विश्वविद्यालय मुरादाबाद की शैक्षिक और सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।