बिश्नोई समाज एक प्रकृति प्रेमी और पर्यावरण संरक्षक समुदाय है, जो मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में रहता है
इस समुदाय के संस्थापक गुरु जाम्भोजी महाराज थे, जिन्होंने 29 नियमों का पालन करने का उपदेश दिया था। इन नियमों में शाकाहारी होना, पेड़ों और वन्य जीवों की रक्षा करना, और जीव दया दिखाना शामिल है।
बिश्नोई समाज ने कई बार प्रकृति के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दी है, जैसे कि 1730 में खेजड़ली बलिदान, जिसमें 363 बिश्नोईयों ने खेजड़ी के पेड़ों को काटने से बचाने के लिए अपने शरीर को आगे लगा दिया था।